‘इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ के तहत राजस्थान सरकार नें शहरवासियों के जरूरतमंद परिवार को 100 दिनों का रोजगार देने के लिए एक नयी पहल की शुरुआत की है . सरकार नें कहा कि शहरी बेरोजगारों को काम देने वाली यह सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना है, तो इस लेख जरिये चलिए जानते है कि इस योजना के तहत कौन सा शहरी रोजगार सहायक का कार्य करना पड़ता है –
शहरी रोजगार सहायक का कार्य क्या होता हैं-
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई गयी इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार योजना की शुरुआत 9 सितम्बर 2022 की . इस योजना के अंतर्गत 100 दिन का रोजगार किया जाएगा। राजस्थान सरकार नें इस योजना को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए 2022-23 में 800 करोंड़ रुपये के बजट से 2022 -23 में प्रदेश सरकार नें शहरी निकायों में गरीब, वंचित एवं जरुरतमंद लोगो रोजगार प्रदान करेगी इस मिलने निम्नलिखित कार्य है –
- पर्यावरण संरक्षण कार्य
- जल संरक्षण कार्य
- स्वच्छता एवं सेनिटेशन कार्य
- संपत्ति विरूपण रोकने के कार्य
- कन्वर्जेशन कार्य
- हेरिटेज संरक्षण से जुड़े कार्य
- नगरीय क्षेत्र में पार्किंग विकास एवं प्रबंधन
- बेसहारा पशुओं को पकड़ने से संबंधित कार्य
- सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा, गार्ड का कार्य
- सेवा कार्य
- राजीव गाँधी सेवा केंद्र की तर्ज पर माडल भवन इत्यादि।
इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का Overview
योजना का नाम | इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार योजना |
शुभारम्भ | 9 सितम्बर 2022 |
शुभारम्भ स्थल | खानिया की बावड़ी(जयपुर) |
आरम्भ | राजस्थान सरकार |
आधिकारिक वेबसाइड | irgyurban.rajasthan.gov.in |
लाभार्थी | राजस्थान के नागरिक |
उद्देश्य | शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिको को रोजगार प्रदान करना |
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दोस्तों इस योजना में मिलने वाले रोजगार के लिए सबसे पहले जॉब कार्ड बनवाना पड़ता है जॉब कार्ड बनाने के लिए आप ऑनलाइन या ऑफ़लाइन आवेदन कर सकते है।सरकार इस योजना को शुचारु रूप से चलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष अनुमानित व्यय 800 करोड़ रुपये करेगी।
शहरी रोजगार गारंटी योजना से सम्बंधित पूछें जाने वाले प्रश्न –
इंदिरा गाँधी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत कंहा हुई?
जयपुर के खानिया की बावड़ी में इसका आगाज राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नें किया
इंदिरा गाँधी रोजगार गारंटी योजना में रोजगार कैसे मिलेगा?
इस योजना के तहत गरीब व् जरूरतमंद परिवार आधारकार्ड के माध्यम से जॉब कार्ड बनाकर रोजगार की मांग करते हुए रोजगार प्राप्त कर सकते है।
यह योजना किस योजना से प्रभावित होकर लागू की गयी?
पूरे देश में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए मनरेगा(महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) शुरू की गयी थी जो अब भी सक्रिय रूप से चल रही है। इससे ग्रामीण बेरोजगारों को आसानी से काम मिल रहा है। कोरोना के दौरान जब रोजगार का संकट बढ़ा यही योजना काम आई। इन्ही सब चीजो का ध्यान रखते हुए शहर में भी यह योजना राजस्थान सरकार नें लागू की।
शहरी रोजगार गारंटी योजना से अबतक कितने लोग जुड़े है और जॉब कार्ड बने है
इस योजना से अब तक 3.51 लाख जुड़े और 2.25 लाख जॉब कार्ड बनाये गए है।
शहरी रोजगार योजना में कितना पैसा मिलता है?
इस योजना के तहत कार्य करने वाले को प्रतिदिन 259 रुपये मिलेंगे, जिससे शहरी क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। .

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