सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक कारण क्या है? कैसे बनाता है शरीर को स्वस्थ्य?

जाने क्या है सूर्यनमस्कार के वैज्ञानिक कारण: आज के समय में भारतीय योग की परिकल्पना अब वैश्विक रूप से की जा रही है। योग की बढ़ती लोकप्रियता और इसकी प्रमाणिकता को और सुदृढ़ बनाने के लिए केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई कालूभाई ने “साइंस बिहाइंड सूर्य नमस्कार” नामक एक पुस्तक का विमोचन किया, जो अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में सबसे प्रसिद्ध योग आसनों में से एक पर साक्ष्य-आधारित शोध का संग्रह है। “साइंस बिहाइंड सूर्य नमस्कार” पुस्तक का संकलन AIIA के स्वास्थवृत्ति और योग विभाग द्वारा किया गया है। पुस्तक का विमोचन करते हुए डॉ. महेंद्रभाई कालूभाई ने संस्थान के शिक्षकों और विद्वानों को उनकी कड़ी मेहनत और भारतीय परंपराओं और प्रथाओं के वैज्ञानिक आधार को उजागर करने के उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।”सूर्यनमस्कार के वैज्ञानिक कारण”

सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक कारण

प्राचीन काल से ही सूर्य को भगवान के रूप में पूजा जाता रहा है।  जिसके कारण धार्मिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। अब, विज्ञान ने सूर्य की उपचार शक्तियों और सूर्य नमस्कार के स्वास्थ्य लाभों को मान्यता दी है। सूर्योदय की दिशा में सूर्य नमस्कार का अभ्यास शरीर में जरूरी विटामिन ‘D‘ को बनाए रखने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी से रिकेट्स नामक रोग हो जाता है और मानव शरीर में नाभि के पीछे स्थित सोलर प्लेक्सस सूर्य से जुड़ा होता है। सूर्य नमस्कार श्रृंखला की 12 मुद्राओं का अभ्यास सौर जाल को बढ़ाता है, जो बदले में, अभ्यासियों में रचनात्मक, सहज और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है।

सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक कारण

विश्व भर में बढ़ रहा प्रभाव

आयुष मंत्रालय ने हाल ही में आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए “जीवन शक्ति के लिए सूर्य नमस्कार” मनाया। कोविड महामारी के दौरान खुद को सुरक्षित रखने के लिए भारत समेत दुनिया भर से 75 लाख से अधिक लोगों ने एक साथ सूर्य नमस्कार किया। सूर्य नमस्कार जीवन शक्ति के लिए है और आयुष मंत्रालय ने सौर ऊर्जा की उपचार शक्ति को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम की कल्पना की थी। इस कार्यक्रम में दुनिया भर के कई प्रमुख योग गुरु और योग उत्साही शामिल हुए जिसमें उन्होंने सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया और सूर्य नमस्कार पर अपने विचार साझा किए।

आयुर्वेद में सूर्य नमस्कार

यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का बढाता है और शरीर को फिट रखता है। आयुर्वेद के अनुसार सूर्य नमस्कार तीन दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करता है। Ayurveda का मानना है कि सूर्य नमस्कार के लंबे, व्यवस्थित, निरंतर और दैनिक अभ्यास के साथ-साथ सही खान-पान भी लंबी उम्र में मदद कर सकता है। Soorya Namaskar सूक्ष्म सांस और इंद्रियों के माध्यम से मन को शरीर के आगे नियंत्रित करता है और यह प्रकृति के एक हिस्से के रूप में और ब्रह्मांड के साथ लय में रहने में मदद करता है। यह नमस्कार एक पूर्ण साधना है। अपने आप में इसमें आसन, प्राणायाम, मंत्र और ध्यान तकनीक शामिल हैं।

सूर्य नमस्कार के लाभ

सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर को शक्ति और जीवन शक्ति भी मिलती है। यह मांसपेशियों की वृद्धि और शरीर को अधिक लचीला बनाने में भी सहायता करता है। यह शरीर में ऊर्जा के संचार को नियमित कर जीवन शक्ति को बढ़ाता है। आज का दौर तमाम तरह के चिंता और तनाव से भरा पड़ा है। ऐसे में सूर्य नमस्कार तनाव और चिंता से दिमाग को शांत करने का एक बेहतरीन विकल्प है।

वजन घटाने में मददगार

यह एक गहन शारीरिक व्यायाम है जो शरीर के हर हिस्से पर काम करता है आप धीरे-धीरे सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा सकते हैं और देख सकते हैं कि शरीर का वजन कम होने लगता है।

बालों की देखभाल में सूर्य नमस्कार के फायदे

सूर्य नमस्कार मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जिससे बालों का झड़ना रुकता है, रक्त परिसंचरण में वृद्धि से सिर को पोषण मिलता है और स्वस्थ बालों के विकास में मदद मिलती है। विभिन्न मुद्राएं बालों को सफेद होने से रोकने में भी मदद करती हैं।

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बच्चो के लिए सूर्य नमस्कार के फायेदे 

हर जगह प्रतियोगिता के साथ, बच्चे कम उम्र में ही तनाव और चिंता के संपर्क में आ जाते हैं। यह नमस्कार बच्चों को उनके सावेंगिक क्षमता को बढ़ाता है  दिमाग को शांत करने, एकाग्रता में सुधार करने और धीरज बनाने में मदद करता है। यह खासकर परीक्षा के दौरान होने वाली चिंता और बेचैनी की भावना को कम करता है।

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