महिला स्वयं सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं?

समाज में गरीबी और निम्नवर्ग के लोगो के जीवन में आर्थिक समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया जिसमे हाल ही सरकार ने बजट 2019-2020 में shg को बढ़ावा देने और देश के विकास क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित बानाने के केलिए SHG को दियें जाने वाले और अब हर महिलाओं को 5000 रुपयें के सैलरी भी प्रदान की जायेगी. यदि आप भी जानना चाहते है कि महिला स्वयं सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं? और 5000 सैलरी कैसे प्राप्त होती है तो कृपया इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें –

भारत देश में स्वयं सहायता समूह ग्रामीण स्तर पर जनसामान्य के आर्थिक मदद के लिए एक प्रमुख माध्यम है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीवका मिशन के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूह को बांको से ऋण प्रदान करके लोग छोटा- मोटा उद्योग कार सकते है जैसे -कृषि, पशुपालन, सिलाई का कार्य, हथकरघा, हस्तशिल्प जैसे कार्य आदि.

महिला स्वयं सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं?

  1. समूह के माध्यम से गरीब महिलाओं को संगठित कर उन्हें स्वयं के उद्योग के लियें प्रात्साहित करना. संगठन में सक्ति है जब महिलाएं इकठ्ठा होंगी तभी गरीब महिलायें लड़ पाएंगी.
  2. आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करना है. और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना.
  3.  महिला सदस्यों में स्वयं सहायता और आत्मविश्वास की भावना को जागरूक करना
  4.  समूह के सदस्यों के अन्दर नेता बनने की आदत को विकसित करना. अर्थात प्रत्येक महिला कोई भी बात को बेझिझक कर सके
  5. ग्रामीण
  6. रोजगार, स्वरोजगार व उद्यमिता से गरीबी उन्मूलन को रोकना
  7. ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में होने वाले पलायन को रोकना और ग्रामीण उद्योग स्थापित करना
  8. स्थानियें संसाधन को चिन्हित करना
  9. श्रम-आधारित नए रोजगार सृजन करने वाले क्षेत्रों को बढ़ावा देना
  10. हस्त शिल्प एवं हथकरघा जैसे उद्योगों को प्रोत्साहित कर महिलाओं को रोजगार प्रदान करना
  11. महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित विभिन्न खाद्यान सामग्री जैसे -अचार, पापड़, बड़ी, दलिया, आटा, अगरबत्ती, मुरब्बा इत्यादि का व्यापार करके महिलाओं व बच्चों के पोषण तथा विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा.

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👉-  स्वयं सहायता समूह की लिस्ट up 

भारत के कितने राज्यों में स्वयं सहायता समूह कारगर है –

उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना इत्यादि में महिला स्वयं सहायता समूह विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।

स्वयं सहायता समूह के फायदे –

  • Shg, शराब बंदी आदि जैसी प्रथाओं का मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करती है
  • SHG महिलाओं को सशक्त बनाता है और उनके बीच कौशल का विकास करता है
  • आर्थिक रूप से कमजोर महिला को इस समूह के जरियें पैसो की मदद मिलती है

स्वयं सहयता समूह बनाने का मुख्य उद्देश्य 

  1. गरीब लोगों के बीच नेतृत्व क्षमता का विकास करना।
  2. स्कूली शिक्षा में योगदान करना।
  3. पोषण में सुधार करना।
  4. जन्म दर में नियंत्रण करना।

आपको तो पता ही होगा जब कोई काम संगठित होकर किया जाता तो वह सरल के साथ-साथ काम्ब्याब भी होता. ग्रामीण महिलाओं को समूह के माध्यम से शसक्त करना. समूह के सदस्यों में बचत की आदत डालना अपनी क्षमता अनुसार बचत करना और छोटी-छोटी बचतों के माध्यम से कुछ बड़ा करके दिखाना.

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