अगर नहीं चुका पा रहे हैं लोन तो न हों परेशान, यहां पढ़ें अपने ये अधिकार

यदि कोई व्यक्ति अपने निजी व्यापार के लियें पर्सनल लोन लेता है और उसे किसी कारण वश नही चुका पाता तो उस व्यक्ति को परेशान होने की कोई जरूरत नही है क्यों कि इस लेख में बताया जाएगा कि पर्सनल लोन लेने के पश्चात आपके ऋण देने के असमर्थ होने पर उसके कुछ अधिकार है. जो इस प्रकार है. आइयें जानते है कि वे अधिकार क्या है, और लोन लेने के नियम क्या है चलियें जानते है loan nahi chuka pane par apke adhikar

भारत सरकार ने RBI के माध्यम से कुछ ऐसे अधिकार प्रदान कियें है जिसकी सहायता से आप पर्सनल लोन लेते है चुका नही पाते है ,तो बैंक वाले आपको परेशान नही कर सकते है. दोस्तों कोई भी व्यक्ति अपने जरूरतों केलियें लोन जैसे एजुकेशन लोन, होम लोन जिसमे से कई Personal कामों के लिए Bank से ले सकते हैं।

अगर नहीं चुका पा रहे हैं लोन तो न हों परेशान

अगर नहीं चुका पा रहे हैं लोन तो न हों परेशान, यहां पढ़ें अपने ये अधिकार-

कई ऐसे कानूनी अधिकार है जिससे कोई भी बैंक लोन चुकाने के लियें यदि परेशान करता है, तो इस प्रकार बच सकता है. चलियें जानते है उस अधिकार के बारें में

अमानवीय व्यवहार से बचे –

यदि लोन लेने वाला बैंक में ऋण भरने में असमर्थ है तो बैंक का रिकवरी एजंट किसी भी प्रकार से शारीरिक नुकसान, अमानवीय व्यवहार, किसी भी प्राकार की जोर जबरजस्ती नही कर सकता है यदि येसा करता है तो उस बैंक एजेंट के ऊपर मानहानि का केस दर्ज कर सकते है.

60 दिन पहले आएगी नोटिस 

यदि आप 90 दिन तक लोन नही देते है या emi डेट पर नही भरते है, तो बैंक पहले बिना कुछ कहे 60 दिन पहले नोटिस देगा, यदि आप 60 दिनों में EMI नही देते तो 30 दिन पर नोटिस भेजेगा उसके बाद ही आपकी संपत्ति की नीलामी कर सकता है.

लोन वसूली का समय

लोन वसूलने वाले सूबह 7:00 से बजे से रात 7: 00 तक ही कर्जदार से संपर्क कर सकते है या उनके घर जा सकते है रात में कोई भी बैंकर कर्जदार को नही परेशान कर सकता है.

आपकी संपत्ति बेचने से पहले नोटिस 

यदि आप कर्ज भरने में असमर्थ है तो उसके लियें बैंक बैंक आपके संपत्ति को हाथ लगाने से पहले आपके पास 30 दिन की नोटिस भेजेगा जिसमे बिक्री का विविरण रहेगा.

आपके संपत्ति का सही से मल्यांकन का अधिकार 

यदि संपत्ति को बेचने से पहले बैंक ऋणदाता को संपत्ति का उचित मोल, नीलामी के समय को निर्दिष्ट करते हुए कर्जदार के पास नोटिस भेजेगा.

नीलामी को बैंक आपके सहमती के बिना नही कर सकता है 

आप अपने जिस संपत्ति पर ऋण लेते है यदि आप कर्ज भरने में असमर्थ है तो आपको नीलामी बैंक आपके गैर मौजदगी में कोई भी कदम नही उठा सकता है. यदि नीलामी की गयी संपत्ति से जो राशि मिलता है उससे आप कर्ज चूका सकते है

RBI द्वारा बैंक के ऋण वसूली वालों को दियें गएँ दिशा -निर्देश  

  • यदि लोन न चूका पाने पर कोई डराता है, या धमकाता है तो आप RBi se अपनी शिकायत दर्ज कर सकते है या सुप्रीम कोर्ट तक अपनी गुहार लगा सकते है.
  • लोन की किस्त नहीं चुका पाना सिविल विवाद के अंदर आता है, ऐसे में डिफॉल्टर के साथ बैंक किय उसका कोई भी रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकता है।
  • लोन वसूलने वाले सूबह 7:00 से बजे से रात 7: 00 तक ही कर्जदार से संपर्क कर सकते है या उनके घर जा सकते है रात में कोई भी बैंकर कर्जदार को नही परेशान कर सकता है.

इसे भी देखें – केसीसी कर्ज धारक की मृत्यु हो जाने पर लोन माफ़ हो जाएगा या नही, जाने

Loan nahi chuka pane par apke adhikar 

अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग लोन लेते हैं, लेकिन कई बार कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि इंसान के लिए लोन चुकाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में लोन लेने वाले को गिरवी रखे गए एसेट को गवांना पड़ता है क्‍योंकि बैंक को इस परिस्थिति में गिरवी रखी प्रॉपर्टी को कानूनन जब्त करने का हक है यदि आप पर्शनल लोन लेते है और उसे समय से या कभी भी चूका पाने में असमर्थ है और इसके लियें बैंक वाले आपको परेशान कर रहें है तो rbi द्वारा बैंक के लियें कर्जदार के साथ बदसलूकी करने हेतु निर्देश जारी कियें है जिसे आप ऊपर पढ़ सकते है और जानकारी प्राप्त कर सकते है.

FAQ

लोन डिफाल्टर के क्या अधिकार हैं?

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