अग्निपथ योजना में भर्ती कैसे होती है? आवेदन प्रक्रिया क्या है?, जाने सभी नियम व पात्रता –

आज हम आपको हाल ही में लाॅन्च की गई बहुत चर्चित योजना के बारे में बताएंगे, जो सरकार व सेना की सेना में भर्ती करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका नाम है अग्निपथ योजना । एक तरह से हम इसे ऐसे कह सकते हैं कि अग्निपथ योजना सेना की योजना है सेना के द्वारा लाई गई योजना है व सेना के लिए योजना है। हम आपको विस्तृत रूप से बताएंगे कि आखिर क्या है ये योजना, इस योजना से युवाओं को क्या लाभ है क्या हानि है, इसमें कितना वेतन है, क्या योग्यता होनी चाहिए, कितनी उम्र होनी चाहिए। और इसी के साथ ये भी बताएंगे कि आखिर क्यों हो रहा है इस योजना का विरोध,ऐसे क्या कारण हैं जो देश में व्यापक रूप से इस योजना का विरोध हो रहा है –

अग्निपथ योजना में भर्ती 2022 –

भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र सरकार के रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने अग्निपथ योजना लाॅन्च की है, इस योजना का मुख्य लक्ष्य है तीनों सेनाओं में युवाओं को जोड़ना और उन्हें भविष्य के लिए कुशल नागरिक बनाना, सरकार का कहना है कि अग्निपथ योजना के जरिए सेना को यूथफुल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। तीनों सेनाओं के अध्यक्षों की उपस्थिति में रक्षामंत्री ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया है सरकार व सेना का कहना है कि इस योजना से भारतीय सेना में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा व देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।

अग्निपथ योजना में भर्ती

आईए जानते हैं कि क्या है ये अग्निपथ योजना –

इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा,इसके अलावा इस योजना के तहत अपनी सर्विस को पूरा करने के बाद निकल वाले जवानों को भारत के सभी राज्यों में कहीं भी पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग मंत्रालयों में प्राथमिकता दी जाएगी, इस योजना के तहत देश के विभिन्न ITI और अन्य शिक्षण संस्थानों में युवाओं को भर्ती किया जाएगा।

अग्निपथ भर्ती योजना के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे। इसके लिए 10 वीं से लेकर 12 वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इससे देश के लाखों युवाओं का सेना में जाने का सपना साकार हो सकेगा। इसके तहत थल सेना, जल सेना ( नौसेना) और वायु सेना के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि युवाओं के सेना में भर्ती होने के बाद सशस्त्र बलों की औसत उम्र में कमी देखने को मिलेगी, इसके अलावा सैनिकों के रिटायर होने के बाद सरकार पर पेंशन का बोझ भी खत्म हो जाएगा।

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योजना की खास बातें –

सबसे खास बात ये है कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले के चार साल तक सेवा करने के बाद मोटी रकम के साथ रिटायर किया जाएगा इसके अलावा सरकार उनके आगे के भविष्य को सुनिश्चित व सुरक्षित करने के लिए कार्य करेगी व डिप्लोमा तथा सर्टिफिकेट भी देगी, इसके लिए सरकार उन्हें कारपोरेट व अन्य पब्लिक सेक्टरों में काम करने के लिए मदद भी करेगी क्यों कि सेना से रिटायर हुए अग्निवीरों को सेना से कोटा मिलेगा, जिससे वो किसी भी पब्लिक या प्राइवेट सेक्टर में जाएंगे तो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। कुल मिलाकर इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं का भविष्य उज्जवल ही है। इस योजना को एक तरह से Tour of Duty भी कहा गया है।

इस योजना के तहत शामिल हुईं महिलाओं को भारतीय नौसेना में सेलर्स का मौका भी मिलेगा। भारतीय नौसेना प्रमुख ने कहा है कि अभी तक नौसेना में केवल महिला अधिकारियों की ही नियुक्ति होती थी, परंतु अब अग्निपथ योजना के तहत महिला अग्निवीर नाविकों को भी शामिल किया जाएगा,यह वाकई एक बहुत बड़ा कदम है व सुनहरा मौका है महिलाओं के लिए।

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अग्निपथ योजना के लिए क्राईटेरिया —

  • अग्निपथ योजना के लिए 17.5 साल से 21 साल के बीच के युवा आवेदन कर सकेंगे।
  • आवेदन करने वाले युवा कम से कम 50 फीसदी नंबरों से 12वीं पास होने चाहिए।
  • भर्ती होने वाले युवाओं को 6 महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद 3.5 वर्ष तक सेना में सेवा करना होगा।

कितनी होगी सेलरी —

अग्निपथ योजना के तहत पहली साल में शुरुआती वेतन 30,000 रु दिया जाएगा। इसमें 70% यानि 21000 रु उसे दिए जाएंगे बाकी 30% यानि 9000 रु Agniveer Corpse Fund में जमा किए जाएंगे, इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी जमा करेगी। दूसरे साल में अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33000 रु हो जाएगी, तीसरी साल में साढ़े 36000 हो जाएगी तथा चौथे साल में 40,000हो जाएगी।

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किस प्रकार और कहाॅं- कहाॅं होगी तैनाती —

इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं की तैनाती, कश्मीर, लद्दाख व देश के अलग अलग हिस्सों में होगी। भर्ती होने वाले युवाओं को 6 से 10 हफ्ते तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इन जवानों को होलोग्राफिक,नाईट फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस किया जाएगा इसके साथ ही हैंड हेल्ड टारगेट सिस्टम भी जवानों के हाथ में दिए जाएंगे। चीन व पाकिस्तान की सीमाओं पर होगी तैनाती।

चार साल की नौकरी के बाद क्या होगा —

अग्निपथ योजना के तहत चुने गए कैंडिडेट्स, अग्निवीर के तौर पर सेना में चार साल तक काम करेंगे। चार साल के बाद ये अग्निवीर रिटायर कर दिए जाएंगे। इसके बाद वे समाज में स्किल्ड नागरिक के तौर पर अनुशासित, सम्मानित व सभ्य जीवन जी सकेंगे। इसके अलावा सभी अग्निवीरों में से मेरिट के आधार पर व सेना की जरूरत के हिसाब से 25% अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में समायोजित कर लिया जाएगा और बाकी सभी रिटायर हुए अग्निवीरों को देश के दूसरे सभी विभागों में उनकी योग्यता व स्किल के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी।

चार साल में अग्निवीरों की कुल बचत करीब 5.02 लाख रु होगी और इतनी रकम सरकार भी उनके हिस्से में जमा करेगी। नौकरी पूरी होने के बाद ये रकम ब्याज सहित मिलेगी जो करीब 11.71 लाख रु होगी। ये रकम पूरी तरह टैक्स फ्री होगी.

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सेवा के दौरान शहीद होने पर क्या होगा —

यदि कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसके परिजनों को सेवा निधि समेत 1 करोड़ रुपए की राशि ब्याज सहित मिलेगी। इसके अलावा बाकी बची नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। वहीं यदि कोई अग्निवीर डिसेबल हो जाता है तो उसे 44 लाख रु की राशि दी जाएगी तथा बाकी बची नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा।

आखिर क्यों हो रहा है अग्निपथ योजना में भर्ती का विरोध —

हमारे देश में एक सबसे बड़ी समस्या ये है कि सरकार कोई भी योजना लागू करती है तो सबसे पहले बिना जाने समझे उसका विरोध होना शुरू हो जाता है। योजना के लाभ व उसे लागू करने के तरीके को जाने बिना ही विरोध शुरू हो जाता है। जबकि ये योजना पूरी तरह सरकार की नहीं अपितु हमारी सेना की है।

अग्निपथ योजना में भर्ती पर क्या कहते हैं अभ्यर्थी —

कुछ युवाओं का कहना है कि हम सेना में जाने के लिए जीतोड़ मेहनत करतें हैं, ट्रेनिंग और छुट्टियों को मिला दें तो कोई सर्विस सिर्फ चार साल की कैसे हो सकती है।

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पहली समस्या — सिर्फ 4 साल ही क्यों 

प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि सिर्फ 4 साल के लिए ही क्यों भर्ती की जा रही है, सेना में शाॅर्ट सर्विस कमीशन के तहत भी कम से कम 10 से 12 साल की सर्विस होती है और आंतरिक भर्तियों में भी उन सैनिकों को मौका मिल जाता है।

दूसरी समस्या — चार साल के बाद क्या होगा

चार साल की सेवा के बाद 75% युवाओं को रिटायर कर दिया जाएगा और सरकार के लाख समझाने के बाद भी ये काॅन्सेप्ट किसी के गले नहीं उतर रहा है। सरकार की तमाम सहूलियत के बाद भी युवाओं को ये डर सता रहा है कि आखिर 4 साल के बाद वे क्या करेंगे।

युवाओं का ये भी कहना है कि 17 में अग्निवीर बनने वाले युवाओं के पास न तो कोई प्रोफेशनल डिग्री होगी और न कोई विशेष योग्यता, ऐसे में वह दोयम दर्जे की नौकरियों के लिए बाध्य होगा।

इन्हीं समस्याओं के कारण युवाओं की मांग है कि अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लिया जाए इसके अलावा प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लंबे समय से सेना में कोई भर्ती न निकलने की वजह से युवा बहुत परेशान हैं और वे चाहते हैं कि भर्ती की जो प्रक्रिया पहले थी वही अपनाई जाए और भर्ती रैलियां शुरू की जाएं।

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